
हल्द्वानी। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक मामले में कांग्रेस ने सीबीआई जांच की मांग की है। हल्द्वानी के स्वराज आश्रम में एक पत्रकार वार्ता में उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने कहा कि प्रदेश के अवाम के मन में संदेह पैदा हो रहा है कि क्या एसटीएफ इस घोटाले में लिप्त अपने हुक्मरानों तक पहुंच पाएगी क्योंकि एसटीएफ के अधिकार सीमित हैं।
उन्होंने रविवार को हल्द्वानी स्थित स्वराज आश्रम में संवाददाताओं से कहा कि यह मामला अब दो राज्यों, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच का हो गया है और अगर कानूनी प्रक्रिया के हिसाब से देखें तब भी केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच जरूरी है क्योंकि अब इस मामले की चपेट में दोनों ही राज्यों के लोग कहीं न कहीं दिखाई देते हैं।
श्री कापड़ी ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी सरकार जिसके मुखिया से लेकर नीचे तक के सारे भष्टाचार में लिप्त हैं उसकी जांच एसटीएफ कैसे कर पाएगी। अब इसकी जांच केन्द्रीय एजेंसी सीबीआई से होना अनिवार्य है। कापड़ी ने कहा कि भाजपा द्वारा 2015 और 2016 की बात कही जा रही है। हमारा कहना है कि हम भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड चाहते हैं। इसलिए सभी वर्षों की जांच की जाए और जो भी दोषी हों उन्हें दंडित किया जाए।
श्री कापड़ी ने सरकार से यह मांग की कि उत्तराखंड के युवाओं एवं आम जनमानस के विश्वास को मजबूत करने के लिए चयन आयोग का अध्यक्ष किसी ईमानदार अवकाश प्राप्त न्यायाधीश को बनाया जाना चाहिए।
वहीं हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश ने कहा कि आज भाजपा सरकार राज्य के युवाओं के भविष्य के साथ खेलने का काम कर रही है और देवभूमि कहे जाने वाले प्रदेश को भ्रष्टाचार भूमि की ओर धकेलना का प्रयास कर रही है उनका कहना है कि कांग्रेस अब केंद्र से सीधा सीबीआई जांच की मांग कर रही है। प्रेस वार्ता में महानगर अध्यक्ष राहुल छीमवाल, गोविंद सिंह बिष्ट, हरीश मेहता, सुहेल सिद्धकी, गोविंद बगड़वाल आदि मौजूद थे।