
नैनीताल। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने देहरादून के चर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड के मामले में आजीवन की सजा काट रहे राजेश गुलाटी की शॉर्ट टर्म जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की। मामले को सुनने के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ ने अभियुक्त राजेश गुलाटी की शॉर्ट टर्म जमानत 21 दिन और बढ़ा दी है। पूर्व में कोर्ट ने उन्हें 45 दिन व 10 दिन की शार्टटर्म जमानत दी थी । शार्ट टर्म जमानत प्रार्थना पत्र में कहा गया कि उनकी शॉर्ट टर्म जमानत की अवधि 23 सिंतबर को समाप्त हो रही है। अभी उनकी सर्जरी हुई है। डॉक्टर ने उन्हें रेस्ट करने की सलाह दी है। इसलिए उनकी शार्ट टर्म जमानत की अवधि को आगे बढाया जाए।
मामले के अनुसार राजेश गुलाटी ने अपनी पत्नी अनुपमा गुलाटी की निर्मम हत्या 17 अक्टूबर 2010 को की थी और शव को छुपाने के लिए उसने शव के 72 टुकड़े कर डी फ्रिज में डाल दिया था । 12 दिसम्बर 2010 को अनुपमा का भाई दिल्ली से देहरादून आया तो हत्या का खुलासा हुआ। देहरादून कोर्ट ने राजेश गुलाटी को 1 सितम्बर 2017 को आजीवन कारावास की सजा सुनवाई और 15 लाख रुपए का अर्थदण्ड भी लगाया जिसमे से 70 हजार राजकीय कोष में जमा करने व शेष राशि उसके बच्चो के बालिग होने तक बैंक में जमा कराने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने इस घटना को जघन्य अपराध की श्रेणी में माना। राजेश गुलाटी पेशे से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और 1999 में लव मैरिज करके शादी की थी। राजेश गुलाटी ने इस आदेश को हाईकोर्ट में 2017 में चुनौती दी। आज उनकी तरफ से अपील में इलाज हेतु जमानत प्रार्थना पत्र पेश किया गया ।