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हल्द्वानी। मण्डलायुक्त दीपक रावत ने नंधौर सेंचुरी के सुनमनथापला मंदिर, दुबेल बेरा भीड़ा, मोरनौला-मझोला मार्ग का पैदल चलकर चौदान तक निरीक्षण किया।  निरीक्षण करते हुए मण्डलायुक्त ने कहा कि मोरनौला-मझौला से रीठासाहिब व आसपास के 90 गांव को जोड़ने वाली सड़क को बनाने का प्रयास किया जाएगा। इससे इको टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा व स्थानीय लोगों को रोजगार व आर्थिकी भी सशक्त होगी। मण्डलायुक्त ने कहा कि मार्ग को मोरनौला-मझोला मार्ग के नाम से जाना जाता है जो कि 1974  में  निर्मित की गई थी। वर्तमान में नंधौर सेंचुरी के अंर्तगत लगभग 13.5 किलोमीटर लंबाई का मार्ग वन विभाग द्वारा संचालित होता है।

इसके साथ ही मण्डलायुक्त द्वारा नंधौर सेंचुरी में बांस एवं प्राकृतिक उपज से निर्मित वस्तुओं के विक्रय केंद्र का भी निरीक्षण किया गया। यह विक्रय केंद्र महाशीर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा संचालित किया जा रहा है। विक्रय केंद्र में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा दीये, घड़ी व अन्य वस्तुओं पर ऐपण की गई है जिससे उत्पादों की सुंदरता और अधिक बढ़ जाती है। इससे स्थानीय महिलाओं की आजिविका में वृद्धि के साथ ही पहाड़ी कला को विश्व पटल पर पहचान मिलेगी। 

इस अवसर वन विभाग के रेस्ट हाउस में स्थानीय लोगो द्वारा नंधौर नदी के भू कटाव, सड़क, आईटीआई, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से सम्बंधित आदि क्षेत्रीय समस्याओं से भी अवगत कराया गया। इस अवसर पर क्षेत्र पंचायत सदस्य आमखेड़ा नितेश बुधानी, लाखन मंडी दीपक आर्य, ग्राम प्रधान आमखेड़ा नन्दन बोरा, नयागांव कटान कमल दुर्गापाल, खनवाल कटान राजेन्द्र कुमार, लाखन मंडी हेम बजेठा, प्रभागीय वनाधिकारी  बाबूलाल, उपजिलाधिकारी हल्द्वानी मनीष कुमार, अधीक्षण अभियंता सिंचाई आर पी सिंह, अधिशासी अभियंता लोनिवि अशोक चौधरी, सिंचाई के एस बिष्ट, पर्यटन अधिकारी बृजेन्द्र पांडेय सहित अन्य अधिकारी व स्थानीय लोग उपस्थित थे।

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